Monday, June 22, 2020

Some Quotes and Thoughts

Evil is that weapon which rotten the roots of the tree inside earth itself.

Human identity,
known by the knowledge.
The sun is resting
for a new journey.
A man is resting
For a new dawn.
But human knows the time
Which is limited and
Never relaxes for us.
The load of depression
shown in expression.
Towards isolation,
From deviation.

Not able to show 
thorn.so,
Much happiness
not able to show
the pain.
It's dangerous for
future happiness.
                 I think You know.
Silence gives you time to think about your soul.
Hope, happiness and longing seem better than life.
Because brightness, lightness and heat are best seen only in a small temperature.
Success is most often achieved by those,
who don't know that failure is inevitable.

कुछ हिंदी छंद एवं कविताएं

आशा, उम्मीद और चाहत जिंदगी से पहले ही अच्छी लगती है।
क्योंकि चमक, दमक और ताप थोड़े तापमान में ही भली लगती है।।
प्यार, मोहब्बत और चाहत जिंदगी के बाद ही दिखती है।
क्योंकि तन, मन और धन अपनी होकर भी अपनों की ही दिखती है।।

दुख सुख से प्रभावित क्यों हो,जब वक्त को ही दोषी मानते हो।
छंद पंक्ति से पद्य बनाकर,खुद को क्यों नहीं पहचानते हो।।
अंतरिक्ष की चाहत में भूमंडल को भूल गए।
परायो के संगत में सब रिश्ते नातों के मूल गए।।
पारावार की चाहत में गहराई को भूल गए।
दुखों के इन सागर में आशु की किमत सब भूल गए।।
उजाले की चाहत में रवि के ताप को भूल गए।
चाहत अपने झोली में भरकर परिश्रम कैसे भूल गए।।
पथ की चाहत में परामर्श को भूल गए।
जाने कितने मोड़ मिलेंगे अपनों को तुम छोड़ गए।।
शहर की भीड़ में गांव को भूल गए।
बड़े बनने की चाहत में अपनी मिट्टी को ही भूल गए।।
ना आज है ना कल
तड़पता रहता हूँ हरपल
जैसे बहता हुआ जल
दुख-सुख का सकल
रूप बदलता है पल-पल
चाहे जैसा भी बीते कल
             वो यादगार पल
अभी नहीं वह शब्द बना,
जो माँ की ममता को व्याख्या करदे।
मन मंदिर में जिसकी मूरत,
उसको कोई बया कर दे।।
अभी नहीं वह वक्त बना,
जो रक्त की कीमत बयां कर दे।
उसने भी वो ममता की ताकत,
जो बिन नइया सागर पार करादे।।१
मासूमियत चादर सी,
हर चेहरे पर दिखती है।
पर नजरिया उलझती,
सुलझती ही रहती है।।
कभी बच्चों पर,कभी बुड्ढों पर,
कभी छोरियों पर,जा टिकती है।
मगर धोखा कहीं और नहीं,
बस छोरियों से ही मिलती है।।।

Wednesday, June 17, 2020

For our Corona warriors

There is little hope from you.
You will become a soldier.
Whether it causes as much havoc as Corona.
You will be victorious.
छोटी सी आशा है तुमसे।
तुम सैनिक बनोगे।।
चाहे कोरोना जितना कहर बरसाए।
तुम विजयी बनोगे।।

Poetry with thoughts

 माँ बाप से मिलता है हमको दुलार,प्यार और संस्कार।
रहेंगे हमारे जब तक प्राण नहीं बदलेंगे आचार और विचार।।

इक्का-दुक्का क्यों किये हो ,कण-कण में भगवान हैं।
दुनिया यूं ही बदनाम है  ,ज्ञान से ही हर नाम है।।
क्या इश्क क्या इबादत ,हमको ना दुनिया सी आदत।
ज्ञान की है बस एक चाहत,चाहे मिट जाए हरपल की राहत।।
गलत रास्ते वहीं मिलते हैं,जहाँ अंधकार छाई रहती है।
झरने सा सुंदर रहकर भी, ख़ाई में ज़ा गिर पड़ती है।।

प्रकाश जहाँ मिलते हैं वहाँ ,स्वर्ग की सीढ़ी बनती है।
सुख तऩ में रहे ना रहे,पर कदम सही मंज़िल चुनती है।।
वो बचपन की क्या बात करूं जो बार-बार नहीं मिल पाती है।
अगर याद कभी आ जाए तो आंखें मेरी भर जाती है।।
आते ही गर्मी का मौसम बगीचे का याद दिलाती है।
जहां कभी हम खेला करते थे वो अब सपने में ही रोज़ आती है।।
जब आता है बरसात का मौसम याद बूंदों की आती है।
हम शौक़ से भिंगा करते थे जहां अब इमारतें ही दिख पाती है।।
बसंत ऋतु अखबार में देखकर झूले की याद सताती है।
पतझड़ तो अब होता नहीं पर दफ्तर आते जाते झूला खूब रुलाती है।।
महामारी की क्या बात करूं जो बार-बार चली आती है।
कभी कोलोरा और कभी करोना बनकर मानव पर कहर बरसाती है।।
हर १०० साल में एक बार अपना रुद्र रूप दिखाती है।
मानव के लिए मृत्यु बनकर प्रकृति को स्वच्छ बनाती है।।

ना हारे थे हम,ना हारेंगे हम।
युद्ध हो या कोरोना,सबको पछाड़ेंगे हम।।
कोरा कागज़ पर जब स्याही रंग चढ़ाई।
तब हार के बादल अउर जीत के वर्षा अवश्य हर्षाई।।
अच्छाई रहती है जहां,
अंधकार कैसे रहेगी‌।
रात हो या सवेरा,
जगमगाहट हरदम दिखेगी।।
बुराई वह अस्त्र है।
जो हर वृक्ष के जड़ को,
धरती में ही सड़ा देता है।